भोपाल
बर्ड फ्लू की संभावनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों से कहा है कि पक्षियों की असमय मौत की सूचनाओं को लेकर एक्टिव रहें और इसको लेकर केंद्र सरकार द्वारा दी गई गाइडलाइन का पालन कराएं। उन्होंने दक्षिण भारत के कुछ राज्यों से कुछ समय के लिए मुर्गे आदि के व्यापार को प्रतिबंधित करने के लिए कहा है। साथ ही पोल्ट्री फार्म की भी निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं।


बर्ड फ्लू को लेकर केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन पर प्रदेश सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है। आज सुबह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्री और अफसरों के साथ बैठक कर पोल्ट्री फार्म की निगरानी समेत बर्ड फ्लू से बचाव और नियंत्रण को लेकर किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की। प्रदेश में कुछ समय के लिए दक्षिण भारत से मुर्गे के व्यापार को बैन किया गया है।

सीएम चौहान ने आज वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की जिसमें राज्य में बर्ड फ्लू से बचाव, रोकथाम और नियंत्रण के प्रयासों की समीक्षा की गई। इसमें यह बात कही गई कि वर्तमान में प्रदेश में ऐसी समस्या नहीं है, एहतियातन आवश्यक कदम उठाए गए हैं। दक्षिण भारत के कुछ राज्यों से सीमित अवधि के लिए मुर्गे आदि का व्यापार प्रतिबंधित रहेगा। यह अस्थाई रोक एहतियातन लगाई गई है। प्रदेश के तीन स्थान इंदौर, आगर मालवा और मंदसौर में कुछ कौवों की मृत्यु पश्चात सावधानी  के तौर पर ये कदम उठाए गए हैं। उधर आज सतना जिले में आधा दर्जन से स्थानों पर कौवों के मृत पाए जाने की सूचना के बाद वहां का पशुपालन विभाग एक्टिव है। इसके अलावा राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ और कुछ अन्य स्थानों से भी मिली सूचनाओं के आधार पर कौवों के मौत के कारणों की जांच की जा रही है।

प्रदेश के पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने कहा है कि बर्ड फ्लू के बढ़ते खतरे को देखते हुए मध्यप्रदेश में मांसाहार पर रोक लगाई जाएगी। मंत्री पटेल का कहना है कि नॉनवेज खाने से बर्ड फ्लू फैलता है  ऐसे में मांसाहार की दुकानों को बंद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए  मुख्यमंत्री ने इस पर रोक लगाने की बात कही है। इसके लिए अलग से एडवाईजरी जारी की जाएगी। इधर मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई बैठक में नहीं बुलाने को लेकर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इंदौर जाना था वे जल्दी में थे इसलिए कुछ लोगों के साथ ही उन्होंने इस पर चर्चा की, उन्हें बैठक में नहीं बुलाया गया।

भारत सरकार के मुताबिक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, केरल में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई है। ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से एक कंट्रोल रूम बनाया गया है, जिसके जरिए देश में आ रहे ऐसे मामलों पर नजर रखी जा रही है। राज्य सरकारों के साथ मिलकर सभी अहम कदम उठाए जा रहे हैं। केंद्र के मुताबिक अभी राजस्थान (कौवा) के बारन, कोटा, झालावाड़ में, मध्य प्रदेश (कौवा) के मंदसौर, इंदौर, मालवा, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, केरल के कोट्टायम, अल्लापूझा में सबसे अधिक बर्ड फ्लू का असर देखने को मिल रहा है।

कोरोना महामारी के बीच देश में बर्ड फ्लू के खतरे ने दस्तक दे दी है। देश के कई राज्यों में पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। मध्य प्रदेश, राजस्थान के बाद हिमाचल प्रदेश और केरल में भी इसका कहर जारी है। इन राज्यों में अब तक सैकड़ों पक्षियों की मौत हो चुकी है। राजस्थान, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, केरल और गुजरात में बर्ड फ्लू अब बड़ा खतरा बनता जा रहा है। एवियन इंफ्लूएंजा वायरस के बढ़ते प्रकोप देखते हुए केरल सरकार ने इसे आपदा घोषित कर दिया है। वहीं, यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, कर्नाटक, झारखंड, बिहार, तमिलनाडु और जम्मू-कश्मीर अलर्ट पर हैं।

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